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Toggleनक्षत्र आपको देख रहे हैं !Deep Dive With Ashvini! 2#27
आगे बढ़ने से पहले (Preface)
जैसा कि हमने अपने नक्षत्र बोलते हैं वाले आर्टिकल में बात की थी कि नक्षत्र का ज्योतिष में बहुत ही बड़ा रोल होता है। यदि आपको ज्योतिष में इंट्रेस्ट है और आप अपने जीवन में इनके रहस्यों को जानना चाहते हैं तो आपको नक्षत्रों के बारे में एक बार तो जरूर पढ़ना चाहिए। और यदि आपका इन्ट्रेस्ट नहीं भी है तो आपको विज्ञान के दृष्टिकोण से भी इनका बहुत ही महत्व है।
हम अपने इस आर्टिकल में आकाश के अश्विनी नक्षत्र की बात डिटेल में करने वाले हैं। अगर आपका जन्म मेष राशि में हुआ है तो यह आपके लिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।जैसा कि हमने आपको बताया कि यह जरूरी नहीं है कि आप ज्योतिषीय विचारों से ही ओत-प्रोत होकर इनके विषय में जानकारी लें। आप वैज्ञानिक आधार पर भी इनकी जानकारी ले सकते हैं। यह नक्षत्रों का ज्ञान सबके लिये है। इससे आम जनमानस में प्रचलित भ्रान्तियों का भी निवारण किया जा सकता है। लेकिन उसके लिये नक्षत्रों का ज्ञान आवश्यक है।
प्राचीन किताबों के पन्ने से (Ancient Books)
आपको अपने बारे में जानने की इच्छा हो तो आप परिवार रजिस्टर देखते हैं | गया में लगभग सभी पंडितों के पास जो कि पिंड दान करवाते हैं एक बही होती है जिसमे हमारे पूर्वजों के हिसाब लिखे होते हैं | गाँव आदि विस्तार से लिखा होता है | और इसी तरह जब किसी विषय की प्राचीनता को जानने के उत्सुक होते हैं तो हमारे प्राचीन साहित्य उसमे मदद करते हैं | एक एक कड़ी जुडती चली जाती है |
ऋग्वैदिक नक्षत्र
ऋग्वेद एक जगह पर कहता है कि जिस लोक का कभी क्षय नहीं होता उसे नक्षत्र कहा गया है। आज हम जानते हैं कि तारों का भी एक जीवनकाल होता है। जब उनके अन्दर का सारा हाइड्रोजन जल जाता है तब तारे ब्लैक होल में परिवर्तित होते हैं। आर्टिकल के इस भाग में हम ब्लैक होल के विषय में बात नहीं करने वाले हैं। लेकिन आने वाले आर्टिकल में ब्लैक होल जैसे विषयों को भी इस मंच पर शामिल करेंगे जिससे कि ब्रह्माण्ड का ज्योतिष मत और आधुनिक विज्ञान दोनों मत से ज्ञान आपको हो सके।
यजुर्वेद में नक्षत्र
यजुर्वेद में एक जगह नक्षत्रों को चन्द्रमा की अप्सरा कहा गया है। अप्सरा कहने से मतलब बस इतना ही है कि नक्षत्रों के बीच में चन्द्रमा कितना सुशोभित, सजा हुआ किसी दूल्हे सा लगता है। यह बात तो सर्वविदित ही है। आप रात को जब नक्षत्र आकाश में हों और चन्द्रमा भी दिखाई दे रहा हो एक बार उसको देखें। आपको एक सुखद अनुभूति और ज्यादा गहराई से देखने पर असीम शान्ति का अनुभव होगा।
तैत्तरीय ब्राह्मण में नक्षत्र
इसी प्रकार से तैत्तरीय ब्राह्मण कहता है कि सभी नक्षत्र देव ग्रह हैं। जो मनुष्य इनको जानता है वह गृही और सुखी होता है। ये रोचन है, शोभन है, तथा आकाश को अलंकृत(डेकोरेट) करते हैं। इनके मध्य में सूक्ष्म जल का समुद्र है, ये उसे तरते हैं, तारते हैं, इसीलिये तारा और तारक कहे जाते हैं।
तैत्तिरीय ब्राह्मण क्या हैं?
यजुर्वेद से ही तैत्तिरीय ब्राह्मण निकले हैं। यह ब्राह्मण ग्रन्थ अत्यन्त ही प्राचीन माने जाते हैं। यह ब्राह्मण ग्रन्थ कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा से सम्बंधित है। इसमें सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण बातें महर्षि भारद्वाज द्वारा बताई गई हैं। तैत्तरीय ब्राह्मण कहता है कि मनुष्य का आचरण देवों के समान होना चाहिए।
नक्षत्रों को पहचानने के तरीके (Identification of Nakshatras)
प्राचीन वैदिक ऋषियों ने अश्विनी नक्षत्र को घोड़े के सिर के रूप में पहचाना था। आप जब आकाश में नक्षत्रों को देखते हैं तो इनके आस पास के अन्य तारों और नक्षत्रों को एक सरल रेखा(लाइन)-180 डिग्री से मिलाकर देखने पर एक पहचान बनती है जो कि याद रखने में आसान होती है। इसी प्रक्रिया से आप नक्षत्रों की पहचान कर सकते हैं। नीचे कुछ तरीके बताये गये हैं कि कैसे आप नक्षत्रों को खुद से ही देखकर पहचान सकते हैं।
दूसरे नक्षत्र/पिण्ड अथवा किसी अन्य प्रकाश वाले पिण्ड के रेफरेन्स से(Various Referances)
दूसरे किसी अन्य नक्षत्रों को देखकर उसके आस-पास के नक्षत्रों को पहचान सकते हैं। अश्विनी नक्षत्र मेष राशि के तारा बीटा एरीटिस से जुड़ा है। अगर आप मेष राशि की पहचान कर लें तो अश्विनी नक्षत्र को पहचान सकते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि आजकल प्रकाश प्रदूषण और वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की स्थितियों से आसमान साफ दिखाई न देने के कारण मेष राशि का पूरा तारामंडल हर समय दिखाई नहीं देता है। ऐसी स्थिति में पहचान का एक दूसरा और सटीक तरीका भी है।
स्टारगेजिंग ऐप्स या सॉफ्टवेयर(Various Apps)
आजकल आपको गूगल प्ले स्टोर और इण्टरनेट पर बहुत से ऐसे कई स्टारगेजिंग ऐप्स और सॉफ्टवेयर आ गये हैं जो आपको नक्षत्रों और सितारों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं। इन साफ्टवेयर अथवा एप्स का उपयोग करके, आप आकाश में अश्विनी नक्षत्र के स्थान का पता लगा सकते हैं।
खगोलीय चार्ट (Astronomical Charts)
खगोलीय चार्ट, चाहे प्रिंट या डिजिटल रूप में हों, सितारों और नक्षत्रों के लिए सटीक निर्देशांक प्रदान कर सकते हैं। इन चार्टों का को देखकर और उनकी जानकारी लेकर अश्विनी नक्षत्र को आसमान में अपनी आँखों से ही देख सकते हैं।
आसमान के विभिन्न पैटर्न (Specific Patterns of Sky)
जैसे प्राचीन काल में नाविक समुद्र में अपने पानी की जहाज की दिशा को आकाश में नक्षत्रों और तारों को देखकर अनुभव के आधार पर एकदम सही दिशा में मोड़ लेते थे। आप भी समय के साथ, आकाश में तारों के खास पैटर्न और स्थान को पहचानना सीख सकते हैं।
चंद्रमा की स्थिति (Moon's Position)
सभी नक्षत्रों में चन्द्रमा लगभग एक-एक दिन रहता है जिससे उसकी पोजिशन को देखकर भी यह जाना जा सकता है कि चन्द्रमा अभी किस नक्षत्र में है और इससे भी अश्विनी नक्षत्र का पता लगाया जा सकता है।
आधुनिक खगोल विज्ञान के हिसाब से(Modern Astronomy)
आधुनिक खगोल विज्ञान अश्विनी नक्षत्र की पहचान उसमें स्थित 02 तारों से करता है। पहले का नाम है अल्फा एरीएट्स (हमाल) और दूसरे का नाम है बीटा एरीएट्स (शेरेटन)। अल्फ़ा एरिएट्स का खगोलीय मैग्निट्यूड 2.02 है, और बीटा एरिएट्स का खगोलीय मैग्निट्यूड 2.66 है। ये दोनो चमकीले तारे एंड्रोमेडा गैलेक्सी के चमकीले तारामंडल के ठीक नीचे, ग्रहीय क्रांतिवृत्त के बहुत करीब स्थित हैं, और रात के आकाश में इनको आप आसानी से देख सकते हैं।
खगोलशास्त्र में खगोलीय मैग्निट्यूड या खगोलीय कान्तिमान किसी खगोलीय वस्तु की चमक का माप है। इसका नापने के लिए लघुगणक (Logarithm) का इस्तेमाल किया जाता है। किसी वस्तु का मैग्निट्यूड जितना कम हो वह वस्तु उतनी ही अधिक प्रकाश फैलाती है या ज्यादा चमकदार होती है |
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